जातीय जनगणना की मांग को लेकर पीएम मोदी से मिलने पहुंचे बिहार के 10 दलों के नेता, मुलाकात से ठीक पहले तेजस्वी ने क्या कहा

तेजस्वी बोले- जनगणना से सही आंकड़े सामने आएंगे तो हम लोगों के लिए बजट में योजना बना सकते हैं

 नई दिल्ली : तेजस्वी यादव ने कहा कि आखिरी बार जातीय जनगणना 1931 में हुई। इससे पहले 10-10 साल में जातीय जनगणना होती रही। जनगणना से सही आंकड़े सामने आएंगे जिससे हम लोगों के लिए बजट में योजना बना सकते हैं। जातीय जनगणना से हम ऐसे आंकड़े प्राप्त कर सकते हैं जो समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के लिए प्रासंगिक लाभ योजनाएं तैयार करने में मदद कर सकें। अभी कानून बनाया गया कि ये राज्य तय करेगा कि कौन सी जाति को ओबीसी में डालना है। जब आंकड़े सामने होंगे तो ही आप तय करेंगे किसे ओबीसी में डालना है, ईबीसी में डालना है। आरजेडी नेता ने कहा कि ये सारे मुद्दे हम प्रधानमंत्री के सामने रखेंगे।

मांझी बोले- जातीय जनगणना के लिए बिहार के सत्ता और विपक्ष सभी तैयार

सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल में शामिल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और HAM पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी ने कहा कि जातिगत जनगणना कराने के लिए बिहार विधानसभा ने दो बार सर्वसम्मति से केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है। 1931 के बाद कोई जातिगत जनगणना नहीं हुई है। बिहार के सत्ता और विपक्ष सभी इस मुद्दे के लिए तैयार हैं।

बीजेपी नेता और बिहार सरकार में मंत्री जनक राम ने क्या कहा…

पीएम मोदी से मिलने पहुंच रहे प्रतिनिधिमंडल में बिहार के मंत्री और बीजेपी नेता जनक राम भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने जातीय जनगणना के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा था और इस पर प्रधानमंत्री ने आज 11 बजे समय दिया है। मुख्यमंत्री मंडल में मैं भी शामिल हूं और प्रधानमंत्री इस पर जो निर्णय लेंगे वो हम सब मानेंगे।

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