Covid – 19 वायरस वैक्सीन परीक्षण के लिए 10 शहरों का हुआ चयन, शामिल होंगे हजारों वॉलेंटियर

National Samachar : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश में वैक्सीन की जांच और परीक्षण की गती तेज हो गई है. इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए भारतीय जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने 10 शहरों का चयन किया है जहां कई हजार स्वस्थ वॉलेंटियर कोरोना संक्रमण के खिलाफ बनाई जा रही वैक्सीन की प्रभावकारिता का आकलन करेंगे. अनुमान है कि इस क्लीनिकल परीक्षण के लिए बड़े पैमाने पर लोग शामिल हो सकते हैं. जैव प्रौद्योगिकी (DBT) विशेषज्ञ पैनल के एक विभाग ने हैदराबाद, पलवल (हरियाणा), पुणे, तिरुनेलवेली (तमिलनाडु) और वेल्लोर को बड़े पैमाने पर “फील्ड साइटों” के पहले सेट के रूप में चिह्नित किया है. इसे चरण 3 भी कहा जाता है. जहां क्लीनिकल ​​परीक्षण और कोरोनोवायरस संक्रमण महामारी पर काफी वैज्ञानिक अध्ययन होगे. शोधकर्ताओं का कहना है कि इन साइटों में से प्रत्येक में क्लीनिकल ​​अनुसंधान संस्थान, कोरोना संक्रमण के अध्ययन के लिए स्थानीय लोगों के संपर्क को निर्धारित करने के लिए निगरानी अध्ययन जैसे तैयारी गतिविधियां शुरू कर सकते हैं. संस्थानों का पहला सेट पलवल का इंक्लेन ट्रस्ट, पुणे में किंग एडवर्ड मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, तिरुनेलवेली में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी, हैदराबाद का सोसाइटी फॉर हेल्थ एंड एलाइड रिसर्च, और वेल्लोर में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, को बनाया गया है. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाले डीबीटी ने दिल्ली में दो संस्थानों और भुवनेश्वर, पुदुचेरी, शिलांग और विशाखापत्तनम में एक-एक संस्थान की पहचान की है. फिलहाल हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक और अहमदाबाद स्थित ज़ाइडस कैडिला में काम शुरू हो गया है. बता दें कि ये परीक्षण वॉलेंटियर को दिए गए वैक्सीन की सुरक्षा और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करने की उनकी क्षमता की जांच करेंगे. अगर इन परीक्षणों के परिणाम उत्साहजनक रहे, तो उम्मीदवार को बड़े पैमाने पर चरण 3 परीक्षणों के माध्यम से लोगों को संक्रमण से बचाने की उनकी क्षमता के लिए मूल्यांकन किया जाएगा. इनक्लीन ट्रस्ट के एक वरिष्ठ चिकित्सक-शोधकर्ता और कार्यकारी निदेशक नरेंद्र अरोड़ा ने टेलीग्राफ से बातचीत के दौरान बताया, हमें बड़े पैमाने पर क्लिनिकल परीक्षणों के लिए फील्ड साइट तैयार करने की जरूरत है, जहां हम वैक्सीन को लिए वॉलेंटियर की प्रभावकारिता की निगरानी कर सकें.

रिपोर्ट : राहुल सिंह

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Enable Notifications    OK No thanks