National Samachar : असम और बिहार में भारी बारिश और नदियों में बढ़ते जलस्तर से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। देश के इन दोनों राज्यों में बाढ़ से स्थिति बहुत गंभीर बनी हुई है। इसकी वजह से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं, जान और माल दोनों का ही नुकसान हुआ है। बिहार में गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से मुजफ्फरपुर में नदी के आसपास के गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, लोग अपनी जान बचाने के लिए नेशनल हाइवे-27 पर रहने की मजबूर हो गए हैं। इस बीच बुधवार को बिहार में राजद नेता तेजस्वी यादव ने मधुबनी जिले के मधेपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों के बीच धन वितरित किया। उन्होंने मौजूदा स्थिति के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया और इस्तीफे की मांग की। तेजस्वी ने कहा, ‘अगर उनमें थोड़ी सी भी शर्म बची होती तो अब तक इस्तीफा दे दिया होता। उन्होंने कहा, ‘बिहार बाढ़ में डूब गया और नीतीश जी के आंख के आंसू सूख गए। नीतीश जी यहां नहीं आएंगे लेकिन 7 तारीख को अपनी कुर्सी बचाने के लिए वर्चुअल रैली करेंगे। नीतीश कुमार जी की इंसानियत खत्म हो गई है और अंतरात्मा बंगाल की खाड़ी में डूब रही है। लोग मर रहे हैं ऐसे में कहां से वोट करने लोग जाएंगे। लोकतंत्र में लोक नहीं रहेगा तो तंत्र का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।आप चाहते हो लोग वोट करें और सीधे श्मशान जाएं। लाशों के ढेर पर हम चुनाव नहीं होने देंगे। वहीं उत्तर पूर्वी राज्य असम के नगांव जिले की कोपीली नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में पानी भर गया है। असम में कई लोगों की मौतें हुई हैं तो 25 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। काजीरंगा नेशनल पार्क में कई जगह बाढ़ का पानी आने से जानवर सड़कों पर दिखने लगे हैं। राज्य में लगातार वर्षा के कारण गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। केंद्रीय जल आयोग के एक अधिकारी जीतू मोनी दास ने बताया, ‘पानी खतरे के स्तर से 8 सेमी ऊपर बह रहा है। पानी का स्तर 2 सेमी प्रति घंटे बढ़ रहा है।
रिपोर्ट : राहुल सिंह