कानपुर में बर्रा थाने से कुछ ही दूरी पर काफ़ी बड़ा चौराहा है- चौधरी रामगोपाल चौराहा. चौराहे के एक ओर जा रही सड़क के किनारे क़रीब एक किलोमीटर तक झुग्गी बस्ती है.
नई दिल्ली : इसकी शुरुआत में ही बस्ती के अंदर जाने पर दाहिनी ओर अफ़सार अहमद का घर है जिनकी बुधवार को बजरंग दल के कुछ लोगों ने उनकी पिटाई कर दी थी और उनसे जबरन धार्मिक नारे लगवा रहे थे.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस घटना के वीडियो में कुछ लोग रिक्शा चालक अफ़सार अहमद की पिटाई करते हुए नज़र आ रहे हैं. इस दौरान भीड़ में कुछ लोग उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को भी कह रहे हैं.
वायरल वीडियो में रिक्शा चालक की सात साल की छोटी बच्ची अपने पिता से लिपटी हुई है और वो भीड़ से अपने पिता को छोड़ देने की मिन्नतें करती हुई नज़र आ रही है. वीडियो में यह भी दिख रहा है कि बाद में कुछ पुलिसकर्मी उस रिक्शा चालक को अपनी जीप से ले जा रहे हैं. हालांकि जब अफ़सार अहमद को भीड़ में पीटा जा रहा है तो उस दौरान पुलिस के लोग भी वहां मौजूद हैं.
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोग उत्तरप्रदेश की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार की निंदा करने लगे और इस वीडियो में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की माँग करने लगे.
वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में मुक़दमा दर्ज कर पुलिस ने गुरुवार रात तीन अभियुक्तों को गिरफ़्तार तो किया लेकिन कुछ ही घंटों के बाद उन सभी को थाने से ही ज़मानत भी मिल गई. अगले दिन यानी शुक्रवार को तीन अन्य लोग पकड़े गए.
अफ़सार अहमद ई रिक्शा चलाते हैं और उनका इन विवादों से कोई वास्ता नहीं था लेकिन उन्हें इस वजह से पकड़ लिया गया क्योंकि वो उन लोगों के रिश्तेदार हैं जिनके ख़िलाफ़ रानी गौतम ने शिकायत दर्ज कराई थी.
अफ़सार अहमद बताते हैं, “बजरंग दल के लोग जब बस्ती में आ रहे थे तो उसी समय मैं रिक्शे के सवारियों को उतारने के बाद घर की ओर आ रहा था. तभी रानी गौतम ने उन लोगों को बताया कि मैं सलमान-सद्दाम का चाचा हूं. उनमें से कुछ लोग बिना कुछ पूछे मुझे मारने लगे. हेलमेट से भी मारा. मेरे घर के बाहर बरावफ़ात के मौक़े पर लगा हरा झंडा उखाड़ दिया और उसे जला दिया गया. मारते हुए मुझे चौराहे की ओर ले गए जहां पुलिस वालों ने बड़ी मुश्किल से मुझे बचाया.”
पूरी घटना की पृष्ठभूमि को शुरू से समझते हैं. अफ़सार अहमद के घर के ठीक सामने रानी गौतम का घर है, जिन्होंने अपने ही कुछ पड़ोसियों पर आरोप लगाया है कि वे लोग उनकी लड़की को परेशान करते हैं और एक महीने पहले उन लोगों ने सार्वजनिक तौर पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया था.
रानी गौतम के घर के सामने और अफ़सार अहमद के घर से लगा हुआ घर रानी गौतम की एक विवाहित बेटी का है जो अपने परिवार के साथ रहती हैं. रानी गौतम की चार बेटियां और दो बेटे हैं. दो बेटियों की शादी हो चुकी है और बाक़ी बच्चे उनके साथ ही रहते हैं.
कानपुर दक्षिण की पुलिस उपायुक्त रवीना त्यागी कहती हैं कि रानी गौतम के शिकायती पत्र में छेड़छाड़ के साथ धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने का भी आरोप लगाया गया जिसकी जाँच की जा रही है.
रवीना त्यागी के मुताबिक़, “इनकी शिकायत पर सद्दाम, सलमान और मुकुल के ख़िलाफ़ धारा 354 के तहत एफ़आईआर दर्ज की गई है. एफ़आईआर में विवेचना के दौरान जबरन धर्मान्तरण के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया गया और कार्रवाई की माँग की गई. इस सम्बन्ध में जाँच की जा रही है.”
जिन तीन युवकों पर धर्म परिवर्तन का आरोप लगा है उनमें सद्दाम की उम्र 25 साल है जबकि सलमान और मुकुल की उम्र 15 साल है. स्थानीय थाने में इन तीनों के ख़िलाफ़ कभी कोई शिकायत नहीं आई है.
थाने में तैनात एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक़, “धर्म परिवर्तन का आरोप पुलिस को इसीलिए संदिग्ध लग रहा है क्योंकि युवकों का न तो कोई आपराधिक रिकॉर्ड है और न ही पुलिस तक उनकी कभी कोई और शिकायत आई है.”
लेकिन सवाल उठता है कि धर्म परिवर्तन वाली बात आई कहां से और बजरंग दल के लोगों के पास यह सूचना पहुँची कैसे कि किसी लड़की का धर्म परिवर्तन कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. बस्ती में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं मिला जिसका बजरंग दल से संबंध हो.
बजरंग दल से जुड़ी दुर्गा वाहिनी की प्रांत संयोजिका रूबी सिंह कहती हैं, “पुलिस वालों ने जब उनकी शिकायत नहीं सुनी तो वो बहनें हमारे पास आईं और हमने देखा कि मुस्लिम लड़के किस तरह से और लगातार परेशान कर रहे हैं. पुलिस ने यदि कार्रवाई की होती तो बजरंग दल को बीच में आने की ज़रूरत ही नहीं थी. लेकिन यदि पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी तो बजरंग दल के लोग ख़ुद अपनी बहनों की रक्षा करने में सक्षम हैं.”
हालांकि रानी गौतम इस बात से इनकार करती हैं कि वो ख़ुद बजरंग दल के लोगों से मिली थीं. उनका कहना है कि पुलिस में शिकायत करने जब वो गई थीं तो वहीं बजरंग दल के लोग मिले और हमारी मदद करने की बात कही. बुधवार को बजरंग दल के तमाम कार्यकर्ताओं ने रामगोपाल चौराहे पर सभा की और पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बनाया. उसी दौरान कुछ लोग बस्ती के अंदर अभियुक्तों की तलाश में आ गए.