एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने खुद को बताया मां सबरी का वंशज, कहा- मंदिर निर्माण के साथ ही भगवान राम के विचारों को भी अपनाएं

National Samachar : लंबे समय तक चले विवादों के बाद आखिरकार 5 अगस्त को राम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मन्दिर की आधारशिला रखी जाएगी. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस कार्यक्रम का में हिस्सा लेंगे और श्री राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे. इस कार्यक्रम में कई अन्य मंत्री और नेता भी शामिल होंगे. मंदिर निर्माण को लेकर पूरे देश की जनता में उत्साह है ऐसे में शेखपुरा सांसद और एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट कर अपनी खुशी व्यक्त की है. एक के बाद एक 4 ट्वीट कर चिराग ने कहा है कि “वंचित वर्ग से आने वाली, गुरु मतंग की शिष्या, श्री राम की परमभक्त माता शबरी का वंशज होने के नाते, यह मेरा सौभाग्य है कि मेरे जीवनकाल में पुनः मंदिर का निर्माण होने जा रहा है”. चिराग ने लिखा है कि मतंग ऋषि की शिष्या माता शबरी को सभी सिद्धियां प्राप्त थी. उसके बावजूद उनमें तनिक भी अहंकार का भाव नहीं था. यह माता शबरी की भक्ति और प्रेम भाव का असर था कि बिना संकोच के भगवान राम ने प्रेम से उनके झूठे बेर खाए. माता शबरी के प्रेम को देखते हुए भगवान राम ने उनकी तुलना माता कौशल्या से की थी. वंचित वर्ग से आने के बावजूद भगवान राम के मन में माता शबरी के प्रति तनिक भी भेदभाव की भावना नहीं थी. चिराग ने लिखा है कि ” आज मंदिर निर्माण के साथ-साथ भगवान राम के इन विचारों को अपना कर, एसे समाज का भी निर्माण करना होगा, जहां किसी प्रकार का भेदभाव ना हो.” इससे पहले भी चिराग ने राम मंदिर निर्माण के संबंध में ट्वीट कर अपनी बात साझा की थी. उन्होंने लिखा थी कि कई वर्षों के बाद भगवान राम के मंदिर का निर्माण अयोध्या में होने जा रहा है. मंदिर निर्माण ना सिर्फ मानव बल्कि समस्त जीव-जंतु पशु-पक्षी के लिए खुशी और आत्मसंतुष्टि की बात है. भगवान राम को देश की जाति मजहब में नहीं बांधा जा सकता है. भगवान राम समस्त जीव-जंतु के लिए पथ प्रदर्शक है. बता दें कि चिराग पासवान इन दिनों बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं. इस क्रम में वो लगातार एनडीए सहयोगी दल जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे के मुखिया सीएम नीतीश को लगातार घेरते नजर आते हैं. बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट विजन के साथ आगे बढ़ रहे युवा नेता चिराग कई मोर्चों पर सीएम नीतीश की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कठघरे में खड़ा करते हैं.

रिपोर्ट : राहुल सिंह

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