अफ़ग़ानिस्तान के हालात पर चर्चा के लिए बुलाए गए सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार ने कहा कि वहां हालात चिंताजनक हैं और भारतीय नागरिकों को वापस लाना फिलहाल सर्वोच्च प्राथमिकता है.
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफ़ग़ानिस्तान की ताज़ा स्थिति के बारे में सभी राजनेताओं को इसकी जानकारी दी.
पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी में हुई इस बैठक में डॉक्टर एस जयशंकर के अलावा केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पियूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी मौजूद थे.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक़ सरकार ने बताया कि अफ़ग़ानिस्तान से जितने ज़्यादा लोगों का लाना मुमकिन हैं, भारत इसकी कोशिश कर रहा है.
सरकार ने ये भी बताया कि युद्ध प्रभावित अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति गंभीर रूप से चिंताजनक है और तालिबान ने दोहा समझौते में किए गए वादों को तोड़ दिया है.
फरवरी, 2020 में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए दोहा समझौते में ये कहा गया था कि लोगों की लोकतांत्रिक और धार्मिक स्वतंत्रता को बरकरार रखा जाएगा और काबुल में ऐसी सरकार का गठन किया जाएगा जिसके तहत अफ़ग़ान समाज के सभी तबकों को सरकार में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा.
इस मीटिंग में एनसीपी नेता शरद पवार, राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के टीआर बालू, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल भी शामिल थीं.