National Samachar : 26 सितंबर – देश की राजधानी दिल्ली में दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारी पिछले कुछ महीनों से अपनी समस्याओं को लेकर बार-बार प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. इन सफाई कर्मचारियों को पिछले कुछ महीनों से वेतन नहीं मिल पा रहा है. यह सफाई कर्मचारी कोरोना महामारी के इस संकटकाल में भी अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं, लेकिन लगातार प्रदर्शन के बावजूद दिल्ली नगर निगम इनके वेतन को लेकर बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं है. न्यू भारतीय सफाई कामगार के बैनर तले शनिवार को पश्चिम विहार बी-3 ब्लॉक के पार्क में सीमित संख्या में सफाई कर्मचारियों ने अपना प्रदर्शन किया और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की. इस प्रदर्शन में यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश बेनीवाल के साथ अन्य पदाधिकारी श्याम टॉक, ओमप्रका टॉक, केशवपुरम जोन अध्यक्ष बीपी गोड़ियाल, सुशील कुमार, प्रदीप कुमार, श्रीमती बलजीत कवर, सुलेखा, रानी, बिल्लो, पूनम सहित अनेकों कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. उल्लेखनीय है कि दिननि सफाई कर्मचारियों के हितों के लिए गठित न्यू भारतीय सफाई कामगार यूनियन की ओर से वेतन ना मिलने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया जा रहा है.
इस कड़ी में यूनियन द्वारा 26 अगस्त को दिल्ली नगर निगम मुख्यालय पर सफाई कर्मचारियों का विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया था. यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश बेनीवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुलिस प्रशासन से मिलकर धरना प्रदर्शन कर रहे सभी कर्मचारियों को जबरन तितर-बितर करके खदेड़ दिया. राजेश बेनीवाल का कहना है कि सफाईकर्मी अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें सिविक सेंटर से खदेड़कर भगा दिया गया. इन सफाई कर्मचारियों की मांग है कि कोरोना महामारी से शहीद हुए स्वच्छता सैनिकों के आश्रितों को तुरंत प्रभाव से निगम प्रशासन द्वारा 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता एवं एक आश्रित को नौकरी प्रदान की जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की फाइल भी तीव्रता के साथ दिल्ली सरकार को भेजी जाए ताकि उनके द्वारा घोषित 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि भी पीड़ित परिवार को प्राप्त हो सके. यूनियन ने मांग की है कि निगम द्वारा घोषित वर्ष 2006 और वर्ष 2010 कंपनसेशन पैनल के आधार पर वर्ष 2020 तक सफाईकर्मियों को समान काम के लिए समान वेतन के आधार पर तुरंत प्रभाव से स्थाई किया जाए. कर्मचारियों से काला कानून हटाकर उन्हें बकाया धनराशि दी जाए तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार वेतन की तय समय सीमा 7 तारीख तक अदा किया जाए. बेनीवाल ने उत्तरी एवं पूर्वी दिल्ली नगर निगम में वर्ष 2016 से ईपीएफ के नाम पर चल रहे हैं भ्रष्टाचार की जांच कराने की भी मांग की.